Books – Rujhaan Publications

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AalaKamaan
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AalaKamaan

प्रतुल सिन्हा द्वारा लिखित उपन्यास 'आलाकमान' राजनीति और मिडिया के अन्दर की गहरी सतहों को परत दर परत कुरेदता है. इस उपन्यास को पढना एक तरह से रोमांचक सफ़र का अनुभव करना है. लेखक - प्रतुल सिन्हा प्रथम संस्करण पेपरबैक संभावित डिलीवरी – 3-5 दिन
Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.
Bevkoofi Ka Saundarya
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Bevkoofi Ka Saundarya

अनूप शुक्ल के धारदार व्यंग्य संग्रहों से सजी पुस्तक “बेवकूफ़ी का सौंदर्य” हमारी निर्मल आनंद की सोच को आगे बढाती है। हम जिन बातो को साधारण मानकर नज़र अंदाज़ कर देते है अनूप शुक्ल उनमे भी हास्य ख़ोज लेते हैं। हिंदी साहित्य में एक अच्छे व्यंग्य संग्रह की जो एक कमी लम्बे समय से है ये पुस्तक उसे पूरा करने का प्रयास अवश्य करती हैं।
Original price was: ₹125.00.Current price is: ₹99.00.
Bewkoofi Ka Saundarya
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Bewkoofi Ka Saundarya

अनूप शुक्ल के धारदार व्यंग्य संग्रहों से सजी पुस्तक "बेवकूफ़ी का सौंदर्य" हमारी निर्मल आनंद की सोच को आगे बढाती है। हम जिन बातो को साधारण मानकर नज़र अंदाज़ कर देते है अनूप शुक्ल उनमे भी हास्य ख़ोज लेते हैं। हिंदी साहित्य में एक अच्छे व्यंग्य संग्रह की जो एक कमी लम्बे समय से है ये पुस्तक उसे पूरा करने का प्रयास अवश्य करती हैं।

प्रथम संस्करण

पेपरबैक

संभावित डिलीवरी - 3-5 दिन

Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.
Corporate Panchtantra
Corporate Panchtantra
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Corporate Panchtantra

लेखक - आलोक पुराणिक यह किताब ज्ञान बांटने की एक कोशिश है। किसी भी दफ्तर में चलनेवाली हर किस्म की चमचागिरी, चुगलखोरी, प्रमोशन वगैरह के पीछे की पालिटिक्स क्या है, इसे समझना हर उस बंदे या बंदी के लिए जरुरी है, जो किसी भी दफ्तर में बचा रहना चाहता है, प्रमोशन पाते रहना चाहता है। इस किताब की 44 कहानियों से हर इंपलाई,हर नौकरीशुदा,हर आम आदमी दुनियादारी का ऐसे सबक हासिल कर सकता है, जो किसी भी कोर्स में नहीं दिये जाते। सो इस किताब को पढ़िये और लाइफ में आगे बढ़िये,बस यह किताब किसी के साथ शेयर मत कीजिये। शेयर करके कोई समझदार हो गया, तो आपका एक कंपटीटर फोकटी में खड़ा हो जायेगा। प्रथम संस्करण पेपरबैक संभावित डिलीवरी – 3-5 दिन
Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.
Dhanak – 3
Dhanak – 3
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Dhanak – 3

'धनक' संकलन है, कथा कहन कार्यशाला के प्रतिभागियों की कहानियों का। इसमें सचमुच सप्तरंगी कहानियां हैं, जिनमें समाज से लेकर मनुष्य के मानस की विविधताएं हैं, परिवेश, कथ्य, शिल्प की विविधताएं हैं, भाषाई वितान अलग-अलग है।
Original price was: ₹275.00.Current price is: ₹175.00.
Dhanak – 4
Dhanak – 4
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Dhanak – 4

'धनक' संकलन है, कथा कहन कार्यशाला के प्रतिभागियों की कहानियों का। इसमें सचमुच सप्तरंगी कहानियां हैं, जिनमें समाज से लेकर मनुष्य के मानस की विविधताएं हैं, परिवेश, कथ्य, शिल्प की विविधताएं हैं, भाषाई वितान अलग-अलग है।
Original price was: ₹275.00.Current price is: ₹175.00.
Fragile Rishtey
Fragile Rishtey
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Fragile Rishtey

कहानी संग्रह - Fragile रिश्ते लेखक - नीलम समनानी चावला पृष्ठ - 124 संस्करण - प्रथम सम्भावित डिलीवरी - तीन से पाँच दिन
Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.
Ghumakkadi Ki Dihadi
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Ghumakkadi Ki Dihadi

लेखक - अनूप शुक्ल पृष्ट - 156 संस्करण - प्रथम सम्भावित डिलीवरी - 4-5 दिन दुनिया तमाशा है यह कहने के लिए दार्शनिक औऱ फुरसतिया और दोनों एक साथ होना बहुत जरुरी होता है। अनूप शुक्लजी दोनों एक साथ हैं-दार्शनिक औऱ फुरसतिये भी। सिर्फ दार्शनिक होने से काम ना चलता, सौ सौ जूते खाये, तमाशा घुसके देखे-वाली प्रतिबद्धता आवश्यक है। दुनिया कई तरह की है। हरेक की अपनी दुनिया है। दफ्तर से घर, घऱ से बाजार, बाजार कभी लोकल बाजार, कभी महंगा माल, बच्चों जैसी उत्सुकता से दुनिया को देखने का अलग आनंद है, अलग दुख भी है। निस्पृह होकर देखो, तो बंदा दर्शन की ओर जा सकता है। अनूप शुक्लजी एक साथ आवारा, दार्शनिक और समाजसेवी की भूमिका में घूमते रहते हैं। कुल मिलाकर वह ऐसे व्यक्तित्व हैं, जो हर तमाशे को पूरी संजीदगी से वक्त देकर देखते हैं, हालांकि उनके पास वक्त होता नहीं है। पर ऐसी नावक्ती में भी पूरी गंभीरता से आवारगी के लिए वक्त निकालना यह दर्शाता है कि वह अगर कुछ जिम्मेदारियों से बंध ना गये होते, तो मार्को पोलो या मेगस्थनीज टाइप ग्लोबल घुमक्कड़ वृत्तांतकार बन सकते थे।
Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.
Joote Ki EMI
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Joote Ki EMI

एक से बढ़कर एक जानदार च शानदार चुटीले व्यंग्यों से सज़ा संग्रह "जूते की ईएमआई" अब उपलब्ध है प्री-बुकिंग के लिए। लेखक - आलोक पुराणिक संभावित डिलिवरी - 3 से 5 दिन

आलोक को व्यंग्य के सौंदर्यशास्त्र और उसके व्याकरण की इतनी गहरी, नैसर्गिक सी समझ है कि उनको पढकर, और व्यंग्य लेखन को लेकर उनकी इस जिद और बेचैनी से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। स्वयं के लिखे पर उनका अगाध भरोसा, और निरंतर कुछ नया करने की अहर्निश बेचैनी ही उनको सारे समकालीनों से अलग करती है। उनकी यही बेचैनी, और नये प्रयोग करने का  साहस मुझे उनका  प्रशंसक बनाता है।

उन्होंने लंबी रचनाएं भी लिखी हैं, कथात्मक व्यंग्य भी लिखे हैं और व्यंग्य में पगे निबंध भी खूब लिखे हैं। पर उनकी बदनामी और ख्याति उन एकदम छोटी, एकदम तात्कालिक घटनाओं पर तात्कालिक घटनाओं पर तात्कालिक व्यंग्यात्मक, आशु कवि की तरह, तुरंत रचे अर्थपूर्ण वनलाइनर अर्थात जुमलों के लिए है। मेरा मानना है कि जुमलेबाजी करना बेहद प्रतिभा मांगता है। आसान काम नहीं होता यह, जैसा कि पहली नजर में किसी को लगता होगा। जब तक व्यंग्य की कहन पर आपकी वैसी पकड़ न हो जैसी आलोक की है, तब तक आप मात्र एक दो वाक्य में वह चमत्कार पैदा नहीं कर सकते जो व्यंग्य भी हो, और जिसमें मात्र एक पंक्ति में ही कोई बहुत बड़ी बात भी कह दी गई हो। इसके लिये आपको समकालीन समाज, राजनीति, अर्थशास्त्र, बाजार और सारी दुनिया पर गहरी पकड़ तो चाहिये ही, साथ में व्यंग्य रचने का अद्भुत कौशल भी चाहिये।

डा. ज्ञान चतुर्वेदी, वरिष्ठ व्यंग्यकार और उपन्यासकार,

Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.
Kaumudi
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Kaumudi

मानव मन एक जटिल परंतु बहुत ही कोमल संरचना है जिसमें भावनाएं कई उद्गारों के रूप में जन्म लेती हैं! कविताएं मानव मन की सम्वेदनाओं एवं भावनाओं को वर्णन करने का एक बहुत ही सुंदर माध्यम माना गया है! कविताएं मानव मन के उन संवेगों एवं भावनाओं को बहुत ही सुंदर शब्दों में हमारे समक्ष प्रस्तुत करती हैं
Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.
KhidkiyoN Se (Ladhukatha Sangrah)
KhidkiyoN Se (Ladhukatha Sangrah)
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KhidkiyoN Se (Ladhukatha Sangrah)

दीपक मशाल की लघुकथाएं छोटे-छोटे जीवनानुभवों की झांकियां हैं। वह बुंदेलखंड की ज़मीन से आते हैं और उसके दुःख-दर्द आज तक अपने साथ लिए चलते हैं। एक छोटे गाँव-कसबे से निकलकर देश-विदेश की यात्राएं करते हुए दीपक ने एक बड़ी दुनिया देखी है, या कहें कि न केवल देखी है बल्कि उससे मिले अनुभवों को आत्मसात किया है. दीपक की इन लघुकथाओं में कोई विस्फोटक या चौंकाने वाला कथ्य नहीं है बल्कि रोज़मर्रा के जीवन में मानवीय संबंधों, उनके भीतर की कशमकश, बदलते समय और सोच के बीच का विद्रूप यहाँ बहुत सहजता से सामने आता है। यहाँ लेखक देश, दुनिया या समाज से ही सवाल नहीं पूछता है बल्कि वह ख़ुद अपने आपसे या पाठक से सवाल करता है। -विवेक मिश्र
लघुकथा संग्रह प्रथम संस्करण पेपरबैक संभावित डिलीवरी – 3-5 दिन
 
Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.