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Saat Samandar Paar
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Saat Samandar Paar

सात समंदर पार ... मेरी अम्मा स्व सरस्वती प्रसाद जी की कलम का जादू है । बचपन के खेल, परतंत्र राष्ट्र के प्रति उनके वक्तव्य उनकी कल्पना को उजागर करते हैं । यह कहानी मैंने कितनी बार पढ़ी, कितनों को सुनाई ... मुझे ख़ुद याद नहीं... लेकिन जितनी बार इस कथा-यात्रा से गुज़री , बचपन, देश, प्रेम और आँसुओं की बाढ़ मुझे बहा ले गई! इस निरन्तर यात्रा के बाद मुझे एहसास हुआ कि क्यों उन्हें कविवर पन्त ने अपनी मानस पुत्री के रूप में स्वीकार किया! क्यों उन्होंने अपनी पुस्तक लोकायतन की पहली प्रति की पहली हक़दार समझा. मेरा कुछ भी कहना एक पुत्री के शब्द हो सकते हैं, किन्तु मेरी बात की प्रामाणिकता 'सात समन्दर पार" को पढ़े बिना नहीं सिद्ध होने वाली. तो मेरे अनुरोध पर....... सात समंदर पार को पढ़िए, और कुछ देर के लिए सुमी-सुधाकर बन जाइये । रश्मि प्रभा
Original price was: ₹195.00.Current price is: ₹99.00.
Vidrup Vidushak
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Vidrup Vidushak

दिवाकर आचार्य के व्यंग्य संग्रह "विद्रूप विदूषक" को आज के समय की पुस्तक कहा जा सकता है. सामाजिक, राजनैतिक और नैतिक विद्रूपताओं की अपने व्यंग्य के माध्यम से धज्जियाँ उड़ाते दिवाकर भाषायी दृष्टि से भी अपने लेखन को उत्कृष्ट बनाते है। इनके लेखन में चर्चित स्लैंग तो मिलेंगे ही लेकिन साथ ही साथ ठेठ देसज शब्दों की भरमार भी पढ़ते हुए आपको रोमांचित करती है। लेखक द्वारा हस्ताक्षरित प्रति मंगवाने के लिए प्री-ऑर्डर करे। संभावित डिलीवरी - 25-30 मई।
Original price was: ₹150.00.Current price is: ₹99.00.