Selfie Basant Ke Sath
Original price was: ₹150.00.₹99.00Current price is: ₹99.00.
सेल्फी बसंत के साथ (व्यंग्य संग्रह) – कमलेश पांडे (pre-booking)
लेखक – कमलेश पांडे
संभावित डिलिवरी – 05-10 जनवरी 2018
व्यंग्य में इन दिनों बड़ी धकापेल मची हुई है। फेसबुक ट्विटर के चलते दिन में कई बार व्यंग्य ठेले जा रहे हैं। जितनी स्पीड से ये आ रहे हैं, उससे ज्यादा स्पीड से वे भुला दिये जा रहे हैं। ऐसे विकट स्पीडवान समय में कम रचनाकार रुककर ठहरकर सोच कर व्यंग्य दे रहे हैं। कमलेश पांडे ऐसे व्यंग्यकारों में एक महत्वपूर्ण व्यंग्यकार हैं। अर्थशास्त्र के गहरे जानकार हैं, तो बाजार को खूब समझते हैं। राजनीति के नाम पर चल रहे खेल को खूब समझते हैं। फिर रुककर सोचने का धैर्य है उनमें। यह जल्दी नहीं रहती उन्हे अभी खटाक लिखो, पटाक छपाओ और झटाक महानता की दावेदारी पेश करो। आम तौर पर कमलेश पांडे पर्यवेक्षण के मोड में रहते हैं। देखते बहुत हैं, सोचते बहुत हैं, बोलते कम हैं। यही सब बातें उन्हे अपने वक्त के अधिकतर व्यंग्यकारों से अलग करती हैं।
-
आलोक पुराणिक
7 in stock
Description
सेल्फी बसंत के साथ (व्यंग्य संग्रह) – कमलेश पांडे (pre-booking)
लेखक – कमलेश पांडे
संभावित डिलिवरी – 05-10 जनवरी 2018
व्यंग्य में इन दिनों बड़ी धकापेल मची हुई है। फेसबुक ट्विटर के चलते दिन में कई बार व्यंग्य ठेले जा रहे हैं। जितनी स्पीड से ये आ रहे हैं, उससे ज्यादा स्पीड से वे भुला दिये जा रहे हैं। ऐसे विकट स्पीडवान समय में कम रचनाकार रुककर ठहरकर सोच कर व्यंग्य दे रहे हैं। कमलेश पांडे ऐसे व्यंग्यकारों में एक महत्वपूर्ण व्यंग्यकार हैं। अर्थशास्त्र के गहरे जानकार हैं, तो बाजार को खूब समझते हैं। राजनीति के नाम पर चल रहे खेल को खूब समझते हैं। फिर रुककर सोचने का धैर्य है उनमें। यह जल्दी नहीं रहती उन्हे अभी खटाक लिखो, पटाक छपाओ और झटाक महानता की दावेदारी पेश करो। आम तौर पर कमलेश पांडे पर्यवेक्षण के मोड में रहते हैं। देखते बहुत हैं, सोचते बहुत हैं, बोलते कम हैं। यही सब बातें उन्हे अपने वक्त के अधिकतर व्यंग्यकारों से अलग करती हैं।
-
आलोक पुराणिक
Reviews (0)
Only logged in customers who have purchased this product may leave a review.
Reviews
There are no reviews yet.