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बातों वाली गली

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वंदना स्त्री है तो स्त्री विमर्श से अलग तो हो नहीं पाती, किन्तु हाँ कुछ कहानियां अपवाद के रूप में अलग सी है। इनकी कहानियों में स्त्री विमर्श के विभिन्न रंग देखने को मिलते है, जैसे नारी स्वभाव के अनुसार काम-काज से फुर्सत पा चुकी स्त्रियाँ सर्वाधिक आनंद पाती है अपनी ही कौम यानी स्त्री का छिद्रानुवेषण करने में, बस उसके लिए कोई सुपात्र मिल जाना चाहिए। ये जायके वाली कहानी “बातों वाली गली” काफी दिलचस्प है।

  • अचला नागर 

कहानी संग्रह ‘बातों वाली गली’

लेखक – वंदना अवस्थी दुबे

प्रथम संस्करण

पेपरबैक

संभावित डिलीवरी – 3-4 दिन

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Rujhaan Publications Hindi

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Vandana Awasthi Dubey

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बातों वाली गली
बातों वाली गली

Description

वंदना स्त्री है तो स्त्री विमर्श से अलग तो हो नहीं पाती, किन्तु हाँ कुछ कहानियां अपवाद के रूप में अलग सी है। इनकी कहानियों में स्त्री विमर्श के विभिन्न रंग देखने को मिलते है, जैसे नारी स्वभाव के अनुसार काम-काज से फुर्सत पा चुकी स्त्रियाँ सर्वाधिक आनंद पाती है अपनी ही कौम यानी स्त्री का छिद्रानुवेषण करने में, बस उसके लिए कोई सुपात्र मिल जाना चाहिए। ये जायके वाली कहानी “बातों वाली गली” काफी दिलचस्प है।

  • अचला नागर 

कहानी संग्रह

लेखक – वंदना अवस्थी दुबे

प्रथम संस्करण

पेपरबैक

संभावित डिलीवरी – 3-4 दिन

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