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अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा? – व्यंग्य संग्रह

एक से बढ़कर एक चुटीले संवादों और गुदगुदाने वाले वन लाईनर से परिपूर्ण संग्रह “अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा” आपको एक आनंद यात्रा पर ले जाता हैं। पल्लवी त्रिवेदी के लेखन की ख़ास बात ये है कि उन्होंने अपने आस पास के उन विषयों को चुना हैं जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन में बहुत आम हैं। इसी वजह से पढ़ते वक़्त पाठक लेखन से स्वयं जुडाव अवश्य महसूस करेगा।

तुम जहाँ भी हो – काव्य संग्रह

पल्लवी त्रिवेदी की कविताओं का संकलन प्रेम और प्रकृति पर लिखी गयी बेहतरीन कविताओं से परिचय करवाता है।

पेपरबैक

संभावित डिलीवरी – 3-5 दिन

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अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा? – व्यंग्य संग्रह

एक से बढ़कर एक चुटीले संवादों और गुदगुदाने वाले वन लाईनर से परिपूर्ण संग्रह “अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा” आपको एक आनंद यात्रा पर ले जाता हैं। पल्लवी त्रिवेदी के लेखन की ख़ास बात ये है कि उन्होंने अपने आस पास के उन विषयों को चुना हैं जो हमारे रोज़मर्रा के जीवन में बहुत आम हैं। इसी वजह से पढ़ते वक़्त पाठक लेखन से स्वयं जुडाव अवश्य महसूस करेगा।

तुम जहाँ भी हो – काव्य संग्रह

पल्लवी त्रिवेदी की कविताओं का संकलन प्रेम और प्रकृति पर लिखी गयी बेहतरीन कविताओं से परिचय करवाता है।

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