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बारह आना ज़िंदगी

लेखक – सुधीर शर्मा

संभावित डिलिवरी – 5-7 दिन

“सालों बाद जून की कोई गर्म दुपहरी उसी नीम के नीचे कोई ख़याल कागज़
पर उतरा और सिलसिला चल पड़ा…..फिर कभी इंडियन कॉफी हाउस के
पेपर नेपकीन पर तो कभी केमिस्ट्री की फाइल में जमा होते गए लमहे …
मटका कुल्फी वाली गर्मियों की रातें, आँगन में अलाव सेंकती सुबहें और छज्जे
से टपकता सलेटी दिन… यूकेलिप्टस वाले मकान का वो मोड़ भी जहाँ से यादें
लिफ्ट ले लेती हैं…कंदील से बतियाता चाँद ,गिफ्ट वाला कड़ा, तकिया टापू
की मन्नतें और पटेल ग्राउंड पर लेग बिफोर होता बचपन…..
गले गले भर गया गुल्लक तो सोचा तुड़वा लें ऍफ़ डी… खोलकर देखा तो
ज़िन्दगी `बारह आने की पड़ीं….अठन्नी में चवन्नी ज़्यादा और रुपये में चवन्नी कम”

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Description

बारह आना ज़िंदगी

लेखक – सुधीर शर्मा

संभावित डिलिवरी – 5-7 दिन

“सालों बाद जून की कोई गर्म दुपहरी उसी नीम के नीचे कोई ख़याल कागज़
पर उतरा और सिलसिला चल पड़ा…..फिर कभी इंडियन कॉफी हाउस के
पेपर नेपकीन पर तो कभी केमिस्ट्री की फाइल में जमा होते गए लमहे …
मटका कुल्फी वाली गर्मियों की रातें, आँगन में अलाव सेंकती सुबहें और छज्जे
से टपकता सलेटी दिन… यूकेलिप्टस वाले मकान का वो मोड़ भी जहाँ से यादें
लिफ्ट ले लेती हैं…कंदील से बतियाता चाँद ,गिफ्ट वाला कड़ा, तकिया टापू
की मन्नतें और पटेल ग्राउंड पर लेग बिफोर होता बचपन…..
गले गले भर गया गुल्लक तो सोचा तुड़वा लें ऍफ़ डी… खोलकर देखा तो
ज़िन्दगी `बारह आने की पड़ीं….अठन्नी में चवन्नी ज़्यादा और रुपये में चवन्नी कम”

One Response

  1. Amazing book…it touches my heart so deeply…it contains lots and lots of feelings to feel to share… thanks alot mr.shudhir sir for giving us such a pleasurable gift of new year…keep it up keep going will always stand first in your fans row…lots of good wishes

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